दिवाली (दीपावली) स्पीच इन हिंदी, दिवाली पर भाषण 2023 - Speech on Diwali in Hindi, Why do we celebrate Diwali speech, Short Speech on Diwali in Hindi
दिवाली (दीपावली) स्पीच इन हिंदी 2023 - नमस्कार दोस्तों dramatalk.in पर आपका हार्दिक स्वागत है. दोस्तों जैसा कि आप जानते ही होंगे कि दिवाली हमारे भारत में मनाए जाने वाले सभी त्योहारों में से प्रमुख त्योहार है.
जो खासकर हिन्दू धर्म के अनुयायी द्वारा मनाया जाता है. वर्तमान में इस त्योहार को मनाने की परंपरा काफी विकसित हो चुकी है जिसके चलते हमारे हिन्दू भाइयों के साथ ही अन्य धर्मों के परिजन भी इसे बड़ी ही धूमधाम से मनाते है.
यदि आप दीपावली (दिवाली) के ऐसे ही शुभ अवसर पर (Speech on Diwali in Hindi) दिवाली पर भाषण खोज कर रहे है तो यह लेख आपके लिए बहुत उपयोगी साबित होगा
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- Speech on Diwali in English [दीपावली पर भाषण अंग्रेजी में] 2023
- Short Essay on Diwali in Hindi - दिवाली पर छोटा निबंध 2023
दिवाली (दीपावली) पर भाषण 2023 - Speech on Diwali in Hindi [दिवाली स्पीच इन हिंदी]
Speech Intro: आदरणीय मुख्य अतिथि एवं यहाँ उपस्थित सभी छोटे बड़े गणों को सबसे पहले मेरा प्रणाम, आप सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ बहुत बहुत बधाई, जैसा कि आप सब जानते ही होंगे कि आज हम यहाँ इस मंच पर क्यूँ और किस लिए एकत्रित हुए है? क्योंकि आज हमारे हिन्दू धर्म में मनाए जाने वाले सभी त्योहारों में से प्रमुख त्योहार दिवाली का उत्सव है.
मुझे यह बताते बहुत खुशी हो रही है कि आज हम यहाँ दिवाली के पावन और पवित्र उत्सव को मनाने के लिए एकत्रित हुए, वैसे तो दिवाली हर साल आती है और लोगों को उत्साहित कर चली जाती है लेकिन इस दिवाली पर हमें कुछ नया करना है. मैंने पिछले वर्ष न्यूज़ में देखा था कि दिवाली सीजन में करोड़ों रुपये के पटाखें बिके थे जो हम सबके लिए खतरें की घंटी है
क्योंकि हर साल करोड़ों रुपये के पटाखें जलाने से प्रदूषण तेजी से फैल रहा है जो कि धीरे धीरे हमारे वातावरण को प्रदूषित कर रहा है. लेकिन हमे ऐसा नहीं करना है पटाखों का उपयोग जितना हो सकें उतना कम करना या करना नहीं है क्योंकि हम बिना पटाखों के भी दिवाली मना सकते है. इसी के साथ मैं आपके सामने दिवाली के इस मौके पर मेरे अपने कुछ विचार प्रकट करना चाहूँगा.
Main Speech: हमारा भारत एक त्योहारों का देश है यहाँ हर साल विभिन्न प्रकार के त्योहार मनाए जाते हैं जैसे क्रिसमस, होली, तीज, गणगौर, गुड़ फ्राइडे, दशहरा आदि दिवाली भारत के उन्हीं त्योहारों में से एक सबसे प्रमुख और महत्वपूर्ण त्योहार है जिसे हर वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या को संपूर्ण भारत में बड़े ही हर्ष और उत्साह के साथ मनाया जाता है. दीपावली का त्यौहार सभी त्योहारों में से गौण है यदि इस त्यौहार को पूरी तरह समझा जाये तो भी यह हमारे लिए कम ही होंगा.
दिवाली एक प्रकार से खुशियों का त्योहार है जो हमारे दुखद जीवन में रौनक भर देता है. दिवाली एक ऐसा अवसर है जिसका हर किसी को बेसब्री से इंतजार रहता है. दिवाली अंधेरे में प्रकाश का सुन्दर मनोरम है जिसे दीयों का त्योहार भी कहा जाता है इसे पूरे भारत में एकता की दृष्टि से मनाया जाता है. दिवाली का त्योहार भारत और अन्य देशों में किसी भी धर्म के अनुयायी मना सकते है क्योंकि यह हम सबके लिए खुशियाँ बाँटने का त्योहार है जिसे हमारे बाप-दादा सदियों से मनाते आ रहा है और आगे भी ऐसे ही मनाते रहेंगे.
हमारे हिन्दू धर्म में कई त्योहार आते हैं लेकिन दिवाली का पर्व हिन्दूओं के लिए एक विशेष पर्व है. दीपावली खासकर हमारे हिन्दू भाइयों द्वारा मनाया जाता है लेकिन आज के समय में इसे अन्य धर्मों के परिजन भी बड़े उमंग के साथ मनाते है. दीपावली मुख्यतः एक भारतीय त्योहार है इसकी ख्याति इतनी प्रसिद्ध हो चुकी है कि विदेशों में भी इसे उसी तरह मनाया जाता है जैसे की भारत में मनाते है यूँ कहें तो दिवाली एक वैश्विक त्योहार से कम नहीं है क्योंकि यह कई बड़े बड़े देशों में भी मनाया जाता है.
दिवाली मनाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि इस दिन भगवान श्री राम अयोध्या लौटे थे तब उनके आने की खुशी में अयोध्या वासियों ने घी के दीए जलाए थे और उनका स्वागत किया था. कहा जाता है कि भगवान श्री राम अपने पिता, दशरत की आज्ञा का पालन करने के लिए अपने भाई लक्ष्मण और पत्नी सीता सहित चौदह वर्ष के लिए वनवास गए थे वहा माता सीता का लंकापति रावण द्वारा हरण किया गया, तब भगवान राम अपने भक्त हनुमान और उनकी सैना सहित लंका पहुँचे.
जहाँ भगवान श्री राम ने दुष्ट रावण से युद्ध किया और उसका वध कर माता सीता को उसके चंगुल से बचाया था तब 20 दिनों के बाद उनका वनवास पूरा हुआ था और वे कार्तिक मास की अमावस्या को अयोध्या लौटे थे जहाँ अयोध्या वासियों ने दीयों से उनका स्वागत किया और उनकी पूजा की, तबी से उस रात दीपों के प्रज्वलित होने के कारण इस दिन को दीपावली और दिवाली नाम दिया गया जो बाद में एक त्योहार के रूप में विकसित हुआ. आज यह त्योहार अयोध्या वासियों सहित पूरे भारत देश में गाजों बाजों और पटाखों के साथ मनाया जाता है.
दिवाली केवल एक त्योहार बल्कि त्योहारों का राजा है क्योंकि यह अपने साथ कई त्योहारों को लेकर आता है. दिवाली मुख्यतः चार से पांच दिनों का त्योहार होता है. दिवाली की शुरुआत धनतेरस से होती है जिसमें भगवान धन्वंतरी और लक्ष्मी माता की पूजा की जाती है क्योंकि यह धन से संबंधित त्योहार है इस दिन विशेष रूप से नए साधन, सोना, चाँदी, बर्तन आदि खरीदे जाते है. उसके बाद कालीचौदस आती है जो कि धनतेरस के एक बाद मनाई जाती है.
कालीचौदस के दिन अपार शक्तियों की देवी माता काली की पूजा जाती है इस देवी की पूजा करने से हमें मानशिक शक्ति मिलती है. क्योंकि काली माता शक्तियों की देवी है इसलिए इस दिन शक्ति की उपासना की जाती है. दीपावली के इन महा पर्वो में तीसरा त्योहार स्वयं दिवाली का होता जो धनतेरस के ठीक दो दिन बाद आती है इसे रोशनी का पर्व भी कहा जाता है क्योंकि यह त्योहार दीपों के प्रज्वलित होने से पूरे देश को चमकदार बना देता इस दिन लक्ष्मी, कुबेर, गणेशजी और भगवान श्री राम की पूजा की जाती है.
हिन्दू पंचांग के अनुसार दिवाली का दूसरा दिन नए साल के रूप में मनाया जाता है. इस दिन घरों में विभिन्न प्रकार के पकवान बनाए जाते हैं. लोग नए नए कपड़े पहनकर अपने पड़ोसी रिश्तेदारों के यहाँ मिलने जाते है और एक दूसरे को नए साल की शुभकामनाएँ देते है ताकि नए वर्ष का पहला दिन शुभ रहे. दीपावली का सबसे अंतिम और आखरी त्योहार भाईदूज का होता है जो कि भाई-बहन का त्योहार है. इस दिन बहन अपने भाई को अपने घर बुलाती है और पकवान, मिठाईया आदि बनाकर खिलाती है.
दिवाली को कृषि पर्व भी कहा जाता है क्योंकि इन दिनों खरीफ की फसलें पक जाती है और उस खुशी में हमारे किसान भाई दिवाली के पर्व को मनाते है. हमारे हिन्दू धर्म में इस त्योहार को सबसे अधिक महत्व दिया जाता है, हिन्दू अनुयायी इस दिन गाय, भैंस, भेड़, बकरी आदि पशुओं को नहलाकर उनकी पूजा करते हैं और उन्हें माला डालकर उनका अभिनंदन करते है साथ ही कुछ लोगों द्वारा इस दिन पशुओं के सींगो को भी रंग से रंगा जाता है और फिर उन्हें मेहँदी लगाई जाती है.
इस प्रकार दिवाली भारत के हर एक क्षेत्र में वहाँ के निवासियों द्वारा उनकी अपनी अपनी परंपराओं के अनुसार मानाई जाती है. इसी के साथ मै आशा करता हूँ आप Diwali 2023 बहुत ही खुशी और उमंग के साथ मनाएगें क्योंकि यह हमें खुशी देता है इसलिए इस त्योहार को हम सभी को अपनी परिवार के साथ मिलकर बड़े ही धूमधाम से मनाना चाहिए. अंत में, मैं एक बार फिर यहां पर मौजूद सभी लोगों को दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूँ. अब मैं अपनी वाणी को विराम देना चाहूँगा धन्यवाद.
दिवाली पर छोटा भाषण 2023 - Short Speech on Diwali in Hindi
आदरणीय मुख्य अतिथि एवं मेरे प्यारे भाई बंधुओं आप सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ एवं बहुत बहुत बधाई, जैसा कि हम सब जानते ही हैं कि आज दिवाली पर्व जो हर वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या को आता है चाहे बच्चे हो बड़े सबको इस का बेसब्री से इंतजार रहता है. लोग इस दिन दीपक प्रज्जवलित करके खुशियाँ मनाते है और एक दूसरे को दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएँ एवं बधाइयाँ देते है.
दिवाली मुख्य रूप से एक हिन्दू त्योहार है. हिन्दू धर्म में इस त्योहार को एक विशेष महत्व दिया जाता है लेकिन आज के समय में इसे अन्य धर्मों के लोग भी बड़े उत्साह के साथ मनाते है क्योंकि दिवाली हम सबके लिए उत्साह और उमंग का त्योहार बेशक इस त्योहार को किसी भी धर्म के लोग मना मनाते है. इस त्योहार मनाने की तैयारियाँ कई दिनों पूर्व चालु हो जाता है जिसमें घरों की मरम्मत, कलर पिंट, साफ सफाई आदि कार्य किए जाते हैं.
महिलाएँ खासकर इस दिन घर में बरामदो, कमरे, किचन, आंगन आदि को साफ सुथरा बनाती है. कई लोग इस दिन विभिन्न प्रकार की रंग बिरंगे चमचमाती हुई लाइटें लगाते है जिससे दिवाली की अंधेरी रात चमकदार और सुंदर दिखने लगती है. बाजारों में इस दिन दीपावली का मेला लगता है बड़े लोग कई छोटे मोटे आईटमस खरीदते और बच्चे रंग गुलाल एवं छोटे छोटे पटाखे आदि खरीदते है.
हमारे भारत में दिवाली के त्योहार को सबसे अधिक खरीददारी वाला त्योहार माना जाता है सूत्रों के हिसाब से दिवाली क्रिसमस के बाद दूसरा सबसे अधिक बिक्री वाला त्योहार है. दिवाली को ऐसे ही नहीं मनाया जाता है इसके पीछे कई प्रकार की पौराणिक कथाएँ और सच्ची कहानियाँ जुड़ी हुई है. दिवाली हमारे सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं से जुड़ा एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो प्राचीन समय से ही मनाते आ रहें हैं.
दिवाली बुराई पर अच्चाई की जीत का प्रतीक है यह त्योहार अंधेरे पर प्रकाश की विजय को सुशोभित करता है, ठीक उसी प्रकार हमारे जीवन में भी खुशियों का प्रकाश भर देता है. वास्तव में दिवाली का त्योहार हमारे आपसी रिश्तों को मजबूत करता है और हमारी आपसी दुश्मनी को खत्म कर उसमें मिठास भर है. यह निश्चित रूप से एक ऐसा पवित्र अवसर है जिसमें लोग विवादों को भूल जाते है.
अंत में मेरी आपसे एक ही गुजारीश है की आप जहाँ भी हो दिवाली पूरे उत्साह और उमंग के साथ मनाए धन्यवाद
Happy diwali
दिवाली पर छात्रों के लिए प्रेरक भाषण - Diwali Speech in Hindi for School 2023
माननीय प्रधानाचार्य महोदय, शिक्षकगण एवं मेरे प्यारे भाई-बहनों आप सभी सबसे पहले मेरा नमन, जैसा कि आप सभी जानते होंगे की आज दीपावली है, जो हम सबके लिए एक विशेष अवसर है. मुझे खैद है कि आप सभी को इस त्योहार को लेकर काफी ज्यादा उत्साह होगा क्योंकि दिवाली भारत में मनाया जाने वाला एक सबसे बड़ा उत्सव है जो हर वर्ष अक्तूबर या नवम्बर के महिनो में मनाया जाता है
आज मैं आपके समक्ष दिवाली के इसी पावन अवसर पर स्पीच देना चाहूँगा. दिवाली हिन्दूओं के एक प्रसिद्ध त्योहार का नाम है, जिसे हम प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या को मनाते है. दिवाली हिन्दूओं के सभी त्योहारों में से एक प्रमुख श्रेणी में आता है जिसे भारत के साथ ही अन्य देशों में भी हिन्दूओं द्वारा बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है.
दिवाली को प्रकाश का पर्व और रंगों का त्योहार भी कहा जाता है. इस त्योहार के आने से हमें प्रकृति में बदलाव देखने को मिलता है और इसके जाने के बाद प्रकृति बहुत ही दयनीय स्वभाव की हो जाती है, इन दिनों सर्दियाँ भी दस्तक देती है. किसी भी तरह के त्योहार को मनाने के लिए यह सबसे सटीक समय होता है. यहीं कारण है कि हम सभी इस त्योहार को लेकर काफी ज्यादा उत्साहित रहते है.
दिवाली हम सबके लिए एक बेहद खास पर्व है लेकिन आज से कई वर्षों पहले से ही हमने इसकी शोभा पटाखों से बिगाड़ी है. क्योंकि पटाखें प्रदूषण के पात्र है पटाखें न केवल वायु प्रदूषण करते है बल्कि ध्वनि प्रदूषण भी करते है. इससे छोटे बच्चे, मरीज, जानवर आदि कई प्रभावित होते है. अगर विश्व में हम पटाखों से होने वाले नुकसान के आंकडे निकले तो भारत इससे सबसे अधिक प्रभावित है देश है.
पटाखों का इस्तेमाल करना ना केवल खतरनाक है अपितु यह सामान्य लोगों के लिए भी नुकसानदायी है. पटाखों में मौजूद विषैले पदार्थ हम सबके सब के लिए हानिकारक है. इसलिए आज के बाद हमें पटाखें ना फोडने की सपत लेनी चाहिए. अगर हर व्यक्ति इस मुद्दे को लेकर खड़ा हो जाए तो हम काफी हद तक अपने पर्यावरण को बचाने सफल हो सकते है.
Why do we celebrate Diwali speech in Hindi 2023 - हम दीपावली (दिवाली) क्यों मनाते हैं भाषण
Why do we celebrate Diwali speech: हम दिवाली क्यों मनाते हैं? दिवाली भारत के बड़े बड़े पर्वो में से एक है. इस त्योहार को पूरे जगत में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. दिवाली एक ऐसा उत्सव है जो लगभग हर धर्म में मनाया जाता है.
जिस प्रकार हमारे हिन्दू धर्म में दिवाली का विशेष महत्व है उसी प्रकार अन्य धर्मों में भी इसकी धार्मिक परंपराएँ जुड़ी हुई है. दिवाली केवल दीए जलाने और पटाखें फोडने के लिए ही नहीं है अपितु इसके पीछे विभिन्न प्रकार की पौराणिक कथाएँ और कहानियाँ छिपी हुई है जिससे अधिकांश लोग आज भी अपरिचित है.
भगवान श्री राम का अयोध्या आगमन: रामायण के अनुसार भगवान राम लंक पर विजय प्राप्त करने के बाद माता सीता और लक्ष्मण के साथ अयोध्या नगरी लौटे थे. तब पूरा अयोध्या खुशी के मारे खिल उठा था और दीए जलाकर उनका स्वागत किया था. तबी से हर वर्ष अयोध्या मे इस दिन को भगवान श्री राम की जीत की खुशी के रूप में मनाया जाता है.
कृष्ण द्वारा नरकासुर का वध: गोवा में दिवाली का त्योहार इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भगवान श्री कृष्ण द्वारा नरकासुर का वध किया था. जिसे छोटी दिवाली भी कहा जाता है. कहा जाता है कि नरकासुर नामक राक्षस ने 16 हजार लड़कियों को बंदी बनाया था जिन्हें छुड़ाने के लिए कृष्ण भगवान ने सत्यभामा के साथ मिलकर नरकासुर का अंत किया था.
पांडवों की वापसी: महाभारत में कहा जाता है कि इस दिन पांडव अपना 12 वर्ष का वनवास पूरा कर वापस अपनी नगरी लौटे थे तब वहाँ के निवासियों ने दीए जलाकर उनका स्वागत किया था.
जैन धर्म के लिए दिवाली पर्व: जैन धर्म में इस त्योहार को मोक्ष दिवस के रूप में मनाया जाता है. कहते हैं कि जैन धर्म के चौबीसवें तीर्थंकर महावीर स्वामी को इस दिन मोक्ष प्राप्त हुआ था इसलिए जैन धर्म में इस त्योहार को "मोक्ष दिवस" पर्व की दृष्टि से मनाया जाता है.
सिखों द्वारा दीपावली को उनके गुरु हरगोविंद को रिहा करने के संदर्भ मे मनाया जाता है कहते हैं कि इस दिन मुगल बादशाह जहांगीर ने 52 शासकों के साथ हरगोविंद सिंह को ग्वालियर के किले से आजाद किया था. इस प्रकार दिवाली हर धर्म में उनकी धार्मिक प्रथाओ के आधार पर मनाई जाती है.
Conclusion: मैं उम्मीद करता हूँ कि आपको दिवाली पर भाषण 2023 - Speech on Diwali in Hindi का लेख पसंद आया होगा यदि आपको यह दिवाली भाषण संबंधित जानकारी पसंद आए तो अपने जरूर शेयर करे ताकि उन्हें भी दिवाली पर भाषण की जरूरत हो वे भी इस लेख को पढ़ सकें धन्यवाद.
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