सुगना बाई का जीवन परिचय - Sugna Bai Biography in hindi

Sugna Bai Biography in hindi - सुगना बाई का जीवन परिचय नाम: सुगना बाई जन्म: 1400-1410ई पिता: अजमाल जी महाराज माता: मैणादे तँवर भाई: रामदेवजी, वीरमदेव

Welcome फ्रेंड्स आज हम यहाँ इस पृष्ठ पर Sugna bai ka jivan parichay जानने वाले है. जो की राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध लोकदेवता रामसापीर बाबा रामदेवजी की सगी बहन थी.

आप Ramdevji की बहनों के बारे में तो जानते ही होंगे नहीं तो मैं आपको बता दूँ की रामदेवजी की सगी दो बहने थी सुगना बाई और लांछा बाई और एक मेघावंशी डाली बाई थी जो उन्हें एक पेड़ की डाली पर लटकी हुई मिली थी

आज हम Sugna Bai की जीवनी जानने वाले हैं तो चलीए शुरू है और जानते है. अगर आप डाली बाई का जीवन परिचय देखना चाहते हैं तो आप नीचे दिए गए Link के जरिए देख सकते हैं.

Ramdevaji की बहन डाली बाई का इतिहास और जीवन परिचय

सुगना बाई का जन्म, शादी, मायरा, माता, पिता, भाई, बहन, पति, संतान, परचा आदी सम्पूर्ण जानकारी

Sugna Bai Biography in hindi

  • नाम: सुगना बाई
  • जन्म: 1400 से 1410ई. के बीच
  • जन्म स्थान: राजस्थान, बाड़मेर, शिव तहसील
  • धर्म: हिन्दू (Hindu)
  • पिता: अजमाल जी महाराज
  • माता: मैणादे तँवर
  • भाई: रामदेवजी, वीरमदेव
  • बहन: लांछा (Lansa), मेघावंशी डाली बाई
  • घराना: तोमर राजपूत राज घराना 
  • वंश: अर्जुन की वंशज
  • मायरा: ससुराल पूंगलगढ़
  • विवाह: पूंगलगढ़ के कुंवर से
  • पति का नाम: उदयसिंह पड़िहार
  • संतान: एक पुत्र


सुगना बाई का जीवन परिचय

Sugna Bai का जन्म 15वी शताब्दी में बाड़मेर, ऊँडूकासमेर, शिव तहसील में राजा अजमाल के घर एक राजपूत परिवार में हुआ था. उनके पिता राजा अजमाल जी तँवर रुणिचा (जैसलमेर) वहाँ आसपास क्षेत्र के राजा थे. उन्हें अर्जुन के वंशज तंवर राजपूत माना जाता है. उनकी माता का नाम मैणादे तंवर था. उन्हीं की कोख से सुगना बाई का जन्म हुआ था. सुगना बाई की एक बहन भी थी जिसका नाम लांछा था और वो इनसे आयु में थोड़ी छोटी थी. सुगना बाई के सगे दो भाई थे रामदेवजी और वीरमदेव, दोनों भाई सुगना बाई को बहुत प्रेम करते थे. सुगना बाई घर में सबकी लाडली पुत्री थी. 


सुगना बाई की शादी

सुगना बाई का विवाह पूंगलगढ़ के पड़िहार राजवंश में हुआ था उनके पति का नाम कुंवर उदयसिंह पड़िहार था. शादी के बाद सुगना बाई को पड़िहार वंश के सभी परिजन उन्हें बहुत दुःख पहुँचाते थे, यहीं नहीं जब पड़िहारों को यह पता चला कि सुगना के भाई रामदेवजी शुद्र लोगों के साथ बैठकर भजन-कीर्तन करते है तो उन्होंने रामदेवजी के घर आना-जाना भी बंद कर दिया था और रामदेवजी को शुद्र लोगों के साथ देखकर उनसे बहुत ही जलते थे.


सुगना बाई का ससुराल Sugna Bai ro Mayro  

जैसा कि हमने पहले जाना है कि सुगना बाई की शादी पूंगलगढ़ में हुई थी, वही पर सुगना बाई का ससुराल पूंगलगढ़ पड़िहार वंश था. जब रामदेवजी के विवाह का उत्सव शुरू हुआ तो सुगना बाई वहां नहीं आई, क्योंकि सुगना बाई के ससुराल वालो ने उन्हें आने ही नहीं दिया था ऐसे में जब रामदेवजी को यह ज्ञात हुआ तो उन्होंने सुगना बाई को बुलाने के लिए रत्ना राइका को पूंगलगढ़ भेजा.

जब रत्ना राइका सुगना बाई को बुलाने के लिए पूंगलगढ़ गए तब पूंगलगढ़ के पड़िहारों ने सुगना को भेजने की बजाय उल्टा रत्ना राइका को बंदी बना लिया. इस बात से सुगना बाई को बहुत दुःख हुआ और वह महल में बैठी-बैठी विलाप करने लगी तब रामदेवजी ने अपनी अन्यन शक्ति से सुगना बाई के दुःख को जान लिया और तुरंत ही पूंगलगढ़ की ओर प्रस्थान किया. पूंगलगढ़ काफी दूर था जिसकी वजह से रामदेवजी यात्रा करते हुए थक गए थे और वो पूंगलगढ़ के नजदीक ही स्थित उजड़ स्थान पर आसन लगाकर विश्राम करने लगे.

जहाँ रामदेवजी बैठें थे वह स्थान देखते ही देखते पूरा एक हरे-भरे बगीचे में बदल गया. यह देख पूंगलगढ़ के पड़िहारों को यह लगा की यह कोई जादूगर है ये सोचकर उन्होंने अपने सिपाहियों के जरिए तोप में गोले भरके फेंकने का आदेश दिया. सिपाहियों ने जो गोले फेंके वो माला बनकर रामदेवजी के उपर गिरे, यह देखकर पड़िहारों के राजा कुंवर उदयसिंह रामदेवजी की चरणों में गिरकर अपने किए पर पश्चाताप करने लगे. रामदेवजी ने उन्हें माप कर अपने गले से लगा लिया और अपनी बहन सुगना बाई और रत्ना राइका को साथ लेकर वापस अपने घर लौट आए.


सुगना बाई पर मुस्लिमशाह द्वारा घेराबंदी

जब सुगना और रामदेवजी का दास पूंगलगढ़ से वापस अपने घर आ रहे थे तब उन्हें मुस्लिमशाह बादशाह के सिपाहियों ने घेर लिया और उन दोनों को बंदी बनाकर लूटने की कोशिश की यह देख सुगना बाई मन ही मन अपने भाई रामदेवजी से रक्षा करने हेतु स्मरण करने लगी. रामदेवजी उस समय अपनी विवाह रश्म पूरी कर रहे थे उन्हें जैसे ही यह पता चला कि मेरी बहन खतरे में है और वो मुझे पुकार रही है. यह सोचकर रामदेवजी ने जरा भी देर नहीं की और अपनी विवाह रश्म तोड़ कर जल्द ही मुस्लिमशाह के पास पहुँचे.

रामदेवजी को मुस्लिमशाह के सभी सिपाहियों ने चारों ओर से घेर लिया. सभी ने अपनी-अपनी तलवारे निकाली और उन पर अटैक किया. रामदेवजी की अलौकिक शक्ति के कारण सभी तलवारे माला में परिवर्तित हो गई यह देख मुस्लिमशाह रामदेवजी की चरणों में गिर गए, उनसे माफी मांगने लगे. रामदेवजी ने उन्हें नारी का सम्मान करने को कहा और उन्हें माफ कर दिया. 


सुगना बाई के ससुराल में उनका पुत्र

अमरकोट में रामदेवजी का विवाह था उसी दिन रात को सुगना बाई के पुत्र को एक सांप काट लेता है और उसकी मृत्यु हो जाती है यह बात सिर्फ सुगना बाई को ही पता थी शादी में कोई बाधा न आए यह सोचकर सुगना ने इस घटना को रहस्य ही रहने दिया और यह बात किसी को भी नहीं बताई, लेकिन रामदेवजी को इस घटना के बारे में पता चल गया, सुगना को उदास देखकर रामदेवजी ने उनकी उदासी का कारण पूछा तो

थोड़ी देर तक सुगना मौन रही उसके बाद उन्होंने रामदेवजी को प्रसन्न करने का प्रयास किया लेकिन सुगना अंदर से इसनी टूट चुकी थी की इस खुशी को वो ज्यादा समय तक कायम नहीं रख सकी. उनकी आँखों में आँसू आ गए, वो जोर-जोर से रोने लगी और अपने पुत्र को पुकारने लगी यह देख रामदेवजी जट से अंदर जाते है और अपने भांजे को स्पर्श करके उठाने लगते है.

जैसे ही रामदेवजी अपने भांजे को पुकारते है तो वह मृत बालक पुनर्जीवित हो जाता है. रामदेवजी उस बालक को अपने गोद में खेलाने लगते है. यह देख सुगना बाई की खुशी का कोई भी ठिकाना नहीं रहता और अपने भाई के पैरों में गिरकर उन्हें धन्यवाद कहकर अपने पुत्र को अपने सीने से लगा देती है.


Sugna Bai ka jivan parichay FAQ

1. सुगना बाई kon thi

Ans. रामदेवजी की बहन

2. सुगना बाई का ससुराल कहा पर था

Ans. पूंगलगढ़ में

3. सुगना बाई का पति का नाम क्या था.

Ans. कुंवर उदयसिंह पड़िहार

4. सुगना बाई का जन्म कब और कहाँ हुआ था.

Ans. राजस्थान, बाड़मेर, शिव तहसील में

5. सुगना बाई की बहन का नाम क्या था.

Ans. लांछा और मेघावंशी डाली बाई

6. सुगना बाई को पूंगलगढ़ लेने कौन गया था.

Ans. रत्ना राइका

7. सुगना बाई की शादी कहाँ हुई थी.

Ans. पूंगलगढ़ के पड़िहारों में


Sugna Bai ka song

तो यह था सुगना बाई का जीवन परिचय Sugna Bai Biography in hindi का article आपको यह जानकारी कैसी लगी हमें कमेंट करके जरूर बताएँ क्योंकि हम आपके लिए रोज ऐसी ही Informational जानकारी लाते रहते है.

ये भी पढ़े:

  1. भक्त माता कर्मा बाई का इतिहास History of bhakt mata karma bai in hindi
  2. डाभी राजपूत वंश का इतिहास History of Dabhi Rajput Vansh in hindi
  3. छत्रपति शिवाजी महाराज निबंध Chhatrapati Shivaji Maharaj Essay in hindi 

COMMENTS

नाम

अबाउट ड्रामा,6,आईपीएल,4,इतिहास,16,इनफार्मेशनल,1,एजुकेशन एंड इनफार्मेशनल,8,कोरियाई ड्रामा,6,जयंती व त्योहार,16,ड्रामा एक्टर बायोग्राफी,3,तमिल मूवी,4,निबंध,9,बायोग्राफी,22,भाषण,17,भाषा ज्ञान,2,मराठी मूवी,1,मूवीज,21,मोबाइल एप्लीकेशन,2,शार्ट एस्से एण्ड स्पीच,4,सी ड्रामा,3,Pakistani Drama,1,
ltr
item
DramaTalk: सुगना बाई का जीवन परिचय - Sugna Bai Biography in hindi
सुगना बाई का जीवन परिचय - Sugna Bai Biography in hindi
Sugna Bai Biography in hindi - सुगना बाई का जीवन परिचय नाम: सुगना बाई जन्म: 1400-1410ई पिता: अजमाल जी महाराज माता: मैणादे तँवर भाई: रामदेवजी, वीरमदेव
https://i.ytimg.com/vi/v-hBzU5M_sI/hqdefault.jpg
https://i.ytimg.com/vi/v-hBzU5M_sI/default.jpg
DramaTalk
https://www.dramatalk.in/2022/01/Sugna-bai-ka-jivan-parichay.html
https://www.dramatalk.in/
https://www.dramatalk.in/
https://www.dramatalk.in/2022/01/Sugna-bai-ka-jivan-parichay.html
true
80465858943812849
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content