हिंदी नाटक के रचनाकार कौन है, 5 महान हिंदी नाटक लेखक और नाटककार, hindi natak ke rachnakar kaun hai, उनकी पहचान क्या है? उनका नाम क्या है?
दोस्तों, हिंदी नाटक के रचनाकार कौन है? इस सवाल का जवाब देने के लिए लोग आज भी संकोच कर देते हैं। क्योंकि वे यह अच्छे से नहीं जानते कि वास्तव में हिंदी नाटकों के रचनाकार कौन थे।
यदि आप भी यह जानना चाहते हैं कि हिंदी नाटक के रचनाकार कौन है? (Hindi natak ke rachnakar kaun hai) तो इस लेख में शुरू से लेकर अंत तक बनें रहे,
आज हम आपको इस लेख के माध्यम से विस्तार से बताएंगे कि हिंदी नाटक के रचनाकार कौन है? उनकी पहचान क्या है? उनका नाम क्या है? व 5 महान हिंदी नाटक लेखक और नाटककार आदि
तो चलिए शुरू करते हैं - इस शताब्दी में कई महान नाटककारों द्वारा कई मौलिक नाटकों की रचना की गई। इस सदी के नाटकीय रचनाकारों को भारतेंदु युग, प्रसाद युग व उत्तर-प्रसाद युग के नामों से जाना जाता है। जिसमें भारतेंदु हरिश्चंद्र को हिन्दी नाटक का जन्मदाता कहा जाता है।
हिंदी नाटक के रचनाकार कौन है
हिंदी नाटक लेखन की परम्परा आधुनिक युग में शुरू हुई थी। क्योंकि इससे पहले भारत में नाट्यकला के तत्वों का अभाव था। लेकिन जब भारतेंदु हरिश्चन्द्र जी ने इस युग में जन्म लिया तब उन्होंने नाटक को एक वास्तविक रूप प्रदान किया और कई मौलिक नाटकों की रचना की।
यही नहीं उन्होंने दूसरी भाषाओँ की नाट्य रचनाओं का अनुवाद भी किया और उन्होंने नाट्यकला पर प्रकाश डालने हेतु नाटक नामक आलोचनात्मक ग्रन्थ भी लिखें जिसमे नाटककारों के संबंध में कई महत्वपूर्ण निर्देश है। वास्तव में भारतेंदु जी के नाटकों में नाट्यकला का समन्वयात्मक रूप दिखाई देता है।
नीचे हमने समय के अनुसार हिंदी नाटकों के प्रमुख रचनाकारों की लिस्ट दी है जिन्हें समयकाल के आधार पर तीन भागों में विभाजित किया गया है -
- भारतेंदु युग
- प्रसाद युग
- उत्तर-प्रसाद
भारतेंदु युग के रचनाकार और नाटक
1. प्राणचंद चौहान -
रामायण महानाटक (1660)
2. कवि उदय -
हनुमान नाटक - (1840)
3. महाराज विश्वनाथ सिंह -
आनंद रघुनंदन
4. गोपालचंद्र गिरिधर दास -
नहुष (1857)
5. गणेश कवि -
प्रद्युम्न विजय (1863)
6. शीतला प्रसाद त्रिपाठी -
जानकी मंगल (1868)
7. भारतेंदु हरिश्चंद्र -
अनूदित नाटक - विद्या सुंदर, पाखण्ड विडंबन, रत्नावली, धनंजय विजय, दुर्लभ बंधु, कर्पूर मंजरी, मुद्राराक्षस,
मौलिक नाटक - भारत जननी, श्रीचन्द्रावली नाटिका, वैदिकी हिंसा हिंसा न भवति, भारत-दुर्दशा, सत्य हरिश्चंद्र, विषस्य विषमौषधम्, सती प्रताप, नीलदेवी, अँधेरे नगरी, प्रेम जोगिनी
8. लाला श्रीनिवासदास -
संयोगिता स्वयंवर, रणधीर प्रेममोहिनी, श्री प्रहाद-चरित्र, तप्तासंवरण
9. राधाकृष्ण दास -
महाराणा प्रताप, धर्मालाप, महारानी पद्यावती, दुःखिनी बाला
10. बालकृष्ण भट्ट -
कलिराज की सभा, वेणी संहार, रेल का विकट खेल, बाल विवाह, नल-दमयंती स्वयंवर, शिक्षा दान, जैसा काम वैसा परिणाम, नई रोशनी का विष,
11. राधाचरण गोस्वामी -
तन मन धन गोसईं जी के अर्पण, बूढ़े मुँह मुँहासे लोग देखें तमासे, अमरसिंह राठौर, श्रीदामा, सती चन्द्रावली,
12. गोपालराम गहमरी -
जैसे को तैसा, देश दशा
13. किशोरीलाल गोस्वामी -
मयंक मंजरी
14. प्रताप नारायण मिश्र -
भारत-दुर्दशा रूपक, हठी हम्मीर, कलिकौतुक रूपक
15. जी. पी. श्रीवास्तव -
उलट फेर, दुमदार आदमी, गड़बड़झाला, न घर का न घाट का, कुर्सी मैंन
16. देवकीनंदन त्रिपाठी -
सीताहरण, कंसवध, रुक्मिणीहरण, भारत-हरण, गोवधनिषेध
17. अम्बिका दत्त व्यास -
भारत सौभाग्य, मन की उमंग
18. बदरी नारायण चौधरी -
भारत सौभाग्य
19. बलदेव प्रसाद मिश्र -
मीराबाई
20. दुर्गा प्रसाद मिश्र -
प्रभास मिलन
21. अयोध्यासिंह उपाध्याय हरिऔध -
रुक्मिणी परिणय, प्रद्युम्न विजय
प्रसाद युग के रचनाकार और नाटक
1. माखनलाल चतुर्वेदी -
कृष्णार्जुन युद्ध
2. मिश्रबंधु -
नेत्रोन्मीलन
3. विशम्भर नाथ ‘कौशिक’ -
भीष्म
4. जयशंकर प्रसाद -
करुणालय, अजातशत्रु, विशाख, कामना (नाट्य कृति), स्कंदगुप्त, जनमेजय का नागयज्ञ, चंद्रगुप्त,ध्रुवस्वामिनी
5. लक्ष्मीनारायण मिश्र -
राक्षस का मंदिर, मुक्ति का रहस्य, संन्यासी, राजयोग, सिंदूर की होली, आधी रात, गरुड़ध्वज, वत्सराज, दशाश्वमेघ, वितस्ता की लहरें, नारद की वीणा, चक्रव्यूह, जगद्गुरु, धरती का ह्रदय
6. हरिकृष्ण प्रेमी -
स्वर्णविहान, प्रतिशोध, रक्षाबंधन, आहुति स्वप्नभंग, विषपान, उद्धार, विजय स्तम्भ, शपथ, कीर्तिस्तंभ, रक्तदान, संरक्षक, विदा, छाया बंधन, शिवसाधना, अमृत पुत्री, संवत प्रवर्तन, पाताल विजय
7. गोविन्दबल्लभ पंत -
अंगूर की बेटी, सिंदूर की बिंदी, राजमुकुट, अंत:पुर का छिद्र, सुहागबिंदी, यायति
8. उदयशंकर भट्ट -
मुक्तिपथ, विक्रमादित्य, क्रन्तिकारी, विश्वामित्र, दाहर अथवा सिंध पतन, शकविजय, सागर विजय, मत्स्यगंधा, नया समाज, पार्वती, विद्रोहिणी अंबा, अश्वत्थामा, कमला, असुर सुंदरी, राधा
9. सेठ गोविंददास -
बड़ा पापी कौन, गरीबी और अमीरी, त्याग और ग्रहण, संतोष कहाँ, कर्ण, हर्ष, सुख किसमें, सेवापथ, स्वातन्त्र्य सिद्धान्त, प्रकाश, महत्व किसे, विकास, कर्तव्य
10. सुदर्शन -
आनरेरी मजिस्ट्रेट, दयानंद नाटक, भाग्यचक्र
11. दुर्गा प्रसाद गुप्त -
अभिमन्यु वध, वोश्वामित्र
12. जगन्नाथ प्रसाद चतुर्वेदी -
तुलसीदास, मधुरमिलन
13. पाण्डेय बेचन शर्मा ‘उग्र’ -
चार बेचारे, महात्मा ईसा, उजबक, चुंबन, डिक्टेटर, गंगा का बेटा, आवारा
14. प्रेमचंद -
कर्बला, प्रेम की बेदी, संग्राम
15. चन्द्रगुप्त विद्यालंकार -
अशोक, रेवा
16. लक्ष्मण सिंह -
गुलामी का नशा
उत्तर-प्रसाद युग के रचनाकार और नाटक
1. वृंदावनलाल वर्मा -
राखी की लाज, झाँसी की रानी, कश्मीर का कांटा, नीलकंठ, सगुन, देखा-देखी, फूलों की बोली, पूर्व की ओर, बीरबल, केवल, निस्तार, देखा-देखी, कनेर, केवट, ललित-विक्रम,
2. उपेंद्रनाथ ‘अश्क’ -
लक्ष्मी का स्वागत, स्वर्ग की झलक, जय-पराजय, छठा बेटा, कैद, उड़ान, भंवर, अलग-अलग रास्ते, तौलिए, अंजोदीदी, लौटता हुआ दिन, सूखी डाली, पर्दा उठाओ पर्दा गिराओ,
3. रांगेय राघव -
स्वर्गभूमि का आदमी
4. रामकुमार वर्मा -
कौमुदी महोत्सव, राजरानी सीता, पृथ्वी का स्वर्ग
5. किशोरी दास वाजपेयी -
सुदामा
6. भुनेश्वर प्रसाद -
तांबे के कीड़ा, ऊसर
7. सुमित्रानंदन पंत -
ज्योत्स्ना, शिल्पी सौवर्ण, रजत शिखर
8. चतुरसेन शास्त्री -
मेघनाथ
9. मैथलीशरण गुप्त -
अनघ, चंद्रहास, तिलोत्तमा
10. जगदीशचंद्र माथुर -
कोणार्क, पहला राजा, दशरथनंदन, रघुकुल रीति, शारदीया
11. विष्णु प्रभाकर -
युगे युगे क्रांति, डॉक्टर, समाधि, कुहासा और किरण, डरे हुए लोग, वंदिनी, टूटते परिवेश,
12. रामनरेश त्रिपाठी -
सुभद्रा, जयंत
13. धर्मवीर भारती -
अंधायुग, नदी प्यासी थी
14. लक्ष्मीनारायण लाल -
अंधा कुआँ, सूर्यमुखी, करफ्यू, अब्दुल्ला दीवाना, व्यक्तिगत, एक सत्य हरिश्चंद, सबरंग मोहभंग, रातरानी, तीन आँखों वाली मछली, सूखा सरोवर, रक्तकमल, दर्पण, गंगामाटी, दूसरा दरवाजा, यक्ष प्रश्न, मादा कैक्टस, मिस्टर अभिमन्यु, सुगन पंछी, राक्षस का मंदिर
15. गिरिजा कुमार माथुर -
कल्पांतर
16. मोहन राकेश -
आषाढ़ का एक दिन, आधे-अधूरे, बारह सौ छब्बीस बाता सात, पूर्वाभ्यास, पैरों तले की जमीन, लहरों के राजहंस
17. सिद्धनाथ -
सृष्टि की साँझ, संघर्ष, विकलांगों का देश, बादलों का शाप, लौह देवता,
18. दुष्यंत कुमार -
एक कण्ठ विषपायी
19. शिवप्रसाद सिंह -
घाटियाँ गूँजती हैं
20. नरेश मेहता -
सुबह के घंटे, खंडित यात्राएँ
21. ज्ञानदेव अग्निहोत्री -
नेफा की एक शाम, वतन की आबरू, माटी जागीर, अनुष्ठान, शुतुरमुर्ग, चिराग जल उठा,
22. विपिन कुमार अग्रवाल -
तीन अपाहिज, लोटन, खोए हुए आदमी की तलाश,
23. सुरेंद्र वर्मा -
द्रौपदी, नायक, विदूषक, आठवाँ सर्ग, सूर्य की अंतिम किरण से सूर्य की पहली किरण तक, छोटे सैयद बड़े सैयद, कैद-ए- हयात, शकुन्तला की अँगूठी, मुगल भारत: नाट्य चतुष्टय, रति का कंगन, नींद क्यों नही आती रात भर, अँधेरे से परे, सेतुबंध, खलनायक, एक दुनी एक
24. लक्ष्मीकांत वर्मा -
रोशनी एक नदी है, ठहरी हुई जिंदगी, सीमांत के बादल, तिन्दुवुलम, अपना अपना जूता
25. विनोद रस्तोगी -
आजादी के बाद, बर्फ की मीनार, देश के दुश्मन, फिसलन और पाँव, नये हाथ, जनतंत्र जिंदाबाद
26. सर्वेश्वरदयाल सक्सेना -
बकरी, लड़ाई, हवालात, होरी धूम मच्यो री, पीली पत्तियाँ, अब गरीबी हटाओ,
27. गिरीश कर्नाड -
तुगलक, रक्त-कल्याण, नागमंडल
28. मुद्राराक्षस -
मरजीवा, तिलचट्टा, योर्स फेथफुली, आला अफसर, संतोला, तेंदुआ
29. भीष्म साहनी -
कबीर खड़ा बजार में, माधवी, रंग दे बसंती चोला, आलमगीर, माधवी, हानूश, मुआवजे
30. हबीब तनवीर -
चरणदास चोर, पचरंगी, आग की गेंद, आगरा बाज़ार, बहादुर कलारिन, दूध का गिलास, एक औरत हिपेशिया भी थी, गाँव के नाँव ससुरार मोर नाँव दामाद, कामदेव का अपना बसंत ऋतू का सपना, कारतूस, परम्परा, शतरंज के मोहरे, मिट्टी की गाड़ी, चांदी की चम्मच, जहरीली हवा
31. शंकर शेष -
घरौंदा, एक और द्रोणाचार्य, बंधन अपने-अपने, बिना बाती के दीप,
32. गिरिराज किशोर -
बादशाह का गुलाम, काठ का तोप, नरमेध, प्रजा ही रहने दो, जुर्मआयद, घोड़ा और घास,
33. मणि मधुकर -
रसगंधर्व, बुलबुल की सराय, एकतारे की आँख, खेला पोलमपुर, दुलारी बाई
34. निर्मल वर्मा -
तीन एकांत, धूप का एक टुकड़ा, डेढ़ इंच ऊपर, वीक एण्ड,
35. शरद जोशी -
एक था गधा, अन्धों की हांथी
36. विजय तेंदुलकर -
तीन रंग, घासीराम कोतवाल, हल्ला बोल, बेबी, चीफ मिनिस्टर, चौपट राजा तथा अन्य बाल नाटक, गिद्ध, दम्भद्वीप, कच्ची धुप, कन्यादान, मीता की कहानी, भल्या काका, सावधान दुल्हे की तलास है, भीतरी दीवारें, फुटपाथ का सम्राट, मोम का घरौदा चिड़िया, कौओं की पाठशाला,
37. स्वदेश दीपक -
कोर्ट मार्शल, जलता हुआ रथ, सबसे उदास कविता, काल कोठरी, नाटक बाल भगवान
38. हमीदुल्ला -
उलझी आकृतियाँ, उत्तर उर्वसी, हरवार, दरिन्दे
39. सुशील कुमार सिंह -
अलख आजादी की, बाल लोक नाटिकाएं, बापू के नाम, बेबी तुम नादान, नागपास, सिंहासन खाली है, चार यारों का यार, गुडबाई स्वामी,
40. चन्द्रकांत देवताले -
भूखंड तप रहा है, सुकरात का घाव
41. विशाल विजय -
बार्किंग डॉग एंड पेइंग गेस्ट
42. मधुधवन -
चिंगारियाँ, आज की पुकार, भारत कहाँ जा रहा है
43. रामशंकर निशेश -
आदमखोर, कुक्कू डार्लिंग, तीन नाटक, चील घर
44. दया प्रकाश सिन्हा -
दुश्मन, सम्राट अशोक, मन का भँवर, मेरे भाई मेरे दोस्त, पंचतंत्र, सादर आपका, साँझ सवेरा, अपने अपने दाँव, इतिहास, इतिहास-चक्र, कथा एक कंस कीसीढियाँ, ओह अमेरिका!
45. महेंद्र भल्ला -
दिमागे हस्ती दिल की बस्ती, है कहाँ? है कहाँ?
46. भानु भारती -
तमाशा न हुआ
47. नरेंद्र कोहली -
किष्किंधा, संघर्ष की ओर, अगस्त्य कथा
48. कैलास वाजपेयी -
युवा संन्यासी
49. नंदकिशोर नवल -
मैं पढ़ा जा चुका पत्र
50. हरिकेष सुलभ -
धरती आबा, दलिया, माटी गाड़ी, अमली, बटोही
5 महान हिंदी नाटक लेखक और नाटककार
जैसा कि हमने आपको पहले बताया है कि हिंदी नाटक के रचनाकार कौन है इसके साथ ही हम आपको 5 महान हिंदी नाटक लेखक और नाटककारों के बारे में भी बताएंगे, तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कौन हैं वो 5 हिंदी नाटक के महान लेखक -
1. भारतेंदु हरिश्चंद्र - हम महान नाटककारों की श्रृंखला में पहले स्थान पर भारतेंदु हरिश्चंद्र जी को रखते हैं। हरिश्चंद्र जी को आधुनिक हिंदी नाटकों के पितामह कहा जाता है। क्योंकि उन्होंने देश की गरीबी, पराधीनता और शासकों के अमानवीय शोषण के चित्रण को लक्ष्य बनाया। और नाटक को एक नई दिशा दी। वे देश के लिए आधुनिक युग के सर्वश्रेष्ठ कवि, व्यंग्यकार, नाटककार, संपादक, गद्यकार, समाज सेवक और कुशल वक्ता थे। उन्हें हिंदी के अलावा संस्कृत, अंग्रेजी, मराठी, बंगला, गुजराती, उर्दू और पंजाबी भाषाओं का ज्ञान भी था। वे आधुनिक युग एक महान नाटककार मानें जाते हैं।
2. जयशंकर प्रसाद - जयशंकर प्रसाद नाटकार, कवि, कथाकार, उपन्यासकार और निबन्धकार थे। उन्होंने हिंदी काव्य में छायावाद की स्थापना की। वे हिन्दी के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से प्रमुख थे। उन्होंने काव्य की सिद्ध भाषा बनाईं, जिसके द्वारा खड़ी बोली के काव्य में कमनीय माधुर्य की रससिद्ध धारा प्रवाहित हुई। उन्होंने नाटक, कहानी, कविता, उपन्यास और आलोचनात्मक निबंध आदि कई विधाओं की रचना की।
3. मोहन राकेश - मोहन राकेश नई कहानी आन्दोलन के सशक्त हस्ताक्षर थे। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से अंग्रेज़ी और हिंदी में एम ए किया था। वे हिन्दी के उपन्यासकार और बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक हैं। उनकी डायरी हिंदी में इस विधा की सबसे सुंदर कृतियों में एक मानी जाती है। वे संगीत नाटक अकादम' से सम्मानित थे।
4. लक्ष्मीनारायण लाल - लक्ष्मीनारायण लाल एक हिन्दी नाटककार, एकांकीकार एवं समीक्षक होने के साथ ही उपन्यासकार और कहानीकार भी थे। हालांकि साहित्य की अनेक विधाओं में सृजन करने के बावजूद भी उन्हें सर्वाधिक ख्याति नाटककार के रूप में मिली। एक नाटक समीक्षक के रूप में भी उनका योगदान महत्वपूर्ण है।
5. सेठ गोविंददास - सेठ गोविन्ददास भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, सांसद तथा हिन्दी नाटककार और साहित्यकार थे। उन्हें साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में "पद्म भूषण" से नवाजा गया था। वे भारत की राजभाषा हिन्दी के वे प्रबल समर्थक थे। वे हिन्दी के अनन्य साधक, भारतीय संस्कृति में अटल विश्वास रखने वाले, नीति-व्यवहार में सुलझे हुए और सेवाभावी राजनीतिज्ञ भी थे।
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