भारतीय संविधान निर्माण में "डॉ भीमराव आंबेडकर" का योगदान पर निबंध in Hindi

भारतीय संविधान निर्माण में "डॉ भीमराव आंबेडकर" का योगदान पर निबंध - Essay on Dr. Bhimrao Ambedkar Contribution in making in Hindi आंबेडकर पर निबंध....

Essay on Ambedkar's Contribution in Constitution Making | भारतीय संविधान निर्माण में "डॉ भीमराव आंबेडकर" का योगदान पर निबंध in Hindi

भारतीय संविधान निर्माण में "डॉ भीमराव आंबेडकर" का योगदान पर निबंध in Hindi
संविधान निर्माण में "डॉ भीमराव आंबेडकर" का योगदान पर निबंध

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका आज के इस निबंध लेख में, दोस्तों आज हम "भारतीय संविधान निर्माण में 'डॉ भीमराव आंबेडकर' का योगदान पर निबंध" लेकर आए है. जिन्हें हम प्यार से बाबा साहेब भी कहते है. आज हम इस निबंध में जानेंगे की संविधान निर्माण में अम्बेडकर जी का क्या योगदान रहा तथा उन्होंने किस प्रकार राष्ट्र और राष्ट्र निर्माण में अपने विचारों को संविधान के समक्ष रखा तथा भारत की अखंडता के लिए किस संहिता को लागू करने का समर्थन किया था. तो चलीए आगे बढ़ते है और शुरू करते है.


भारतीय संविधान निर्माण में "डॉ भीमराव आंबेडकर" का योगदान पर निबंध - Essay on Dr. Bhimrao Ambedkar Contribution in constitution making in Hindi

डॉ भीमराव अम्बेडकर का जन्म मध्य प्रदेश के महू के एक गाँव में 14 अप्रैल, 1891 को एक मराठी परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम रामजी मालोजी सकपाल था और उनकी माता का नाम भीमाबाई था. उन्हें 1913 में संयुक्त राज्य अमेरिका में कोलंबिया विश्वविद्यालय में अध्ययन के लिए चुना गया था. उन्होंने अपनी राजनीतिक विज्ञान की डिग्री यहाँ से पूरी की. उनका बचपन का नाम रामजी सकपाल था. वे हिंदू महार जाति के थे जिन्हें अछूत भी कहा जाता था. 

सामाजिक और आर्थिक रूप से उनकी जाति के साथ गहरा भेदभाव किया गया था. एक अछूत परिवार में पैदा होने के कारण, उन्हें अपने बचपन से ही बहुत से कष्टों को सहना पड़ा. डॉ अंबेडकर का बचपन से सपना था कि दलित अमीर बनेंगे. इसलिए उन्होंने 1956 में सामाजिक और राजनीतिक आंदोलनों के साथ ही दलित बौद्ध आंदोलन भी शुरू किए थे. जिसमें भारत के लाखों दलितों ने इसमें भाग लिया जिसकी वजह से 31 मार्च, 1990 को बीआर अंबेडकर को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया.

हमारे संविधान की शुरुआत में एक प्रस्तावना है जिसके अंतर्गत संविधान में मूल उद्देश्यों को स्पष्ट किया गया है ताकि संविधान का क्रियान्वयन संविधान की मूल भावना के अनुसार संभव हो सके. जिसे ध्यान में रखते हुए हमारे संविधान निर्माताओं ने गौरवशाली मूल्यों को संविधान की प्रस्तावना में रखा गया है. किसी भी देश की संविधान और राजनीतिक व्यवस्था में उस देश की मान्यताओं, विश्वासों, मौलिक शाश्वत मूल्यों और सिद्धांतों का एक समेकित दर्शन है. 

भारत के संविधान निर्माताओं ने हमारे देश की ऐतिहासिक, धार्मिक और राजनीतिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए संविधान तैयार किया है. उनका लक्ष्य मात्र लोक कल्याणकारी राज्य की स्थापना करना था. इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए उन्होंने संविधान की प्रस्तावना में संविधान के आदर्शों को भी समझाया है. हमारे भारतीय संविधान की अपनी खुद की विशिष्टताएं हैं जो इसे दुनिया के अन्य संविधानों से अलग करती है. 

यह संविधान निर्माताओं की बुद्धि दूरदर्शिता का प्रमाण है जो उनके द्वारा संविधान में दुनिया के महत्वपूर्ण संविधान के सर्वोत्तम गुणों को शामिल किया है, उन्होंने भारतीय परिस्थितियों के अनुसार वांछित परिवर्तन करने का विकल्प रखा है. इसलिए, इसे जीवित संविधान का दर्जा भी दिया गया है. यह हमारे देश का सर्वोच्च कानून है जो सरकारी तंत्र को सक्रिय रूप से काम करने और प्रणाली को संचालित करने के लिए मार्गदर्शीत करता है.

इसे 26 नवंबर, 1949 को संविधान सभा ने संविधान के मसौदे को स्वीकार कर लिया था, जिसे मुख्य रूप से डॉ बीआर अंबेडकर की अध्यक्षता में मसौदा समिति ने तैयार किया था, क्योंकि संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ था और इस दिन भारत एक गणतंत्र बन गया था. हमारा संविधान एक ओर मूलभूत राजनीतिक सिद्धांतों को परिभाषित करता है, वहीं दूसरी ओर यह विभिन्न संरचनाओं और प्रक्रियाओं को भी स्थापित करता है.

इस प्रक्रिया में मौलिक अधिकार, राजनीति के मार्गदर्शक सिद्धांत और नागरिकों के मौलिक कर्तव्य भी शामिल हैं. यह दुनिया में एक ऐसा लिखित कानूनी दस्तावेज है, जिसमें अधिकांश समय लिखने में 2, 11 महीने और 18 दिन लगे थे. जो मुख्य रूप से संविधान सभा द्वारा तैयार किया गया था. जिसे संविधान के मूल वैचारिक आधार की अभिव्यक्ति को "प्रस्तावना" शीर्षक से संक्षिप्त किया गया है.

जिसमें परिस्थितियों को बदला नहीं जा सकता है. हमारे संविधान में आदर्श हैं जो सभी लोगों के लिए लोकतंत्र, स्वतंत्रता, समानता और न्याय के लिए संविधान की प्रतिबद्धता की गारंटी देते हैं. भारत के संविधान की विशेषताएं मूल रूप से इसके प्रस्तावना में वर्णित सिद्धांतों और आदर्शों का विस्तार हैं.

डॉ भीमराव अंबेडकर द्वारा संविधान की मूल शब्दावली "हम, भारत के लोग, भारत को एक पूर्ण संप्रभु और लोकतांत्रिक गणराज्य बनाना चाहते हैं और उसके सभी नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विचारों की अभिव्यक्ति, विश्वास की स्वतंत्रता, धर्म और पूजा आदि का समान अवसर मिले." 

इस संविधान को 26 नवंबर, 1949 को (तृतीया को मीठी मार्गशीष शुक्ल सप्तमी, संवत 2006 विक्रमी) को ट्रिटी ने अपने संविधान सभा में अपनाया था, जो व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता के लिए भाईचारा बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्प था. संविधान में 1976 के 42 वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम (धारा 3.1.77 के अनुसार) की धारा 2 द्वारा प्रस्तावना में निम्नलिखित संशोधन किए गए हैं:

  • कुल प्रमुख लोकतांत्रिक गणराज्य को पूरी तरह से प्रभुत्वशाली, धर्मनिरपेक्ष, समाजवादी लोकतांत्रिक गणराज्य द्वारा प्रतिस्थापित किया गया है.
  • राष्ट्र की एकता और अखंडता को राष्ट्र की एकता से बदल दिया गया है.

डॉ भीमराव आंबेडकर ने संविधान निर्माण में एक महान योगदान दिया है उन्होंने हमारे देश के लिए जो योगदान दिया है उसके लिए उन्हें प्रति वर्ष 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के दिन याद किया जाता है. वह एक भारतीय अर्थशास्त्री, न्यायविद, राजनीतिज्ञ और महान समाज सुधारक थे जिन्होंने दलितों को अपना हक दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया और अछूतों और अन्य निचली जातियों को समानता दिलाई.


मुझे उम्मीद है कि आपको यह Essay on Ambedkar's Contribution in Constitution Making भारतीय संविधान निर्माण में "डॉ भीमराव आंबेडकर" का योगदान पर निबंध in Hindi की जानकारी पसंद आई होगी.

COMMENTS

नाम

अबाउट ड्रामा,6,आईपीएल,4,इतिहास,16,इनफार्मेशनल,1,एजुकेशन एंड इनफार्मेशनल,8,कोरियाई ड्रामा,6,जयंती व त्योहार,16,ड्रामा एक्टर बायोग्राफी,3,तमिल मूवी,4,निबंध,9,बायोग्राफी,22,भाषण,17,भाषा ज्ञान,2,मराठी मूवी,1,मूवीज,21,मोबाइल एप्लीकेशन,2,शार्ट एस्से एण्ड स्पीच,4,सी ड्रामा,3,Pakistani Drama,1,
ltr
item
DramaTalk: भारतीय संविधान निर्माण में "डॉ भीमराव आंबेडकर" का योगदान पर निबंध in Hindi
भारतीय संविधान निर्माण में "डॉ भीमराव आंबेडकर" का योगदान पर निबंध in Hindi
भारतीय संविधान निर्माण में "डॉ भीमराव आंबेडकर" का योगदान पर निबंध - Essay on Dr. Bhimrao Ambedkar Contribution in making in Hindi आंबेडकर पर निबंध....
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiGV2GkAufXnVM-ndMC2owo7mXnYFHUe6BXxkB7E0KC0RsnPZyLcg-wKadn6qj5K0fD39PFxuGhgtBZNa_csmPkbYThg1zjMZhVDTybQ1GEv5kTn3EwaOr3gIX0MiNcFol6NeInt8Y6AVtr9gFJstDKgXO08zR22qdme8PK9Oe_kdb7pVhR_Jgz4GaWkQ/w320-h187/20220403_123343.jpg
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiGV2GkAufXnVM-ndMC2owo7mXnYFHUe6BXxkB7E0KC0RsnPZyLcg-wKadn6qj5K0fD39PFxuGhgtBZNa_csmPkbYThg1zjMZhVDTybQ1GEv5kTn3EwaOr3gIX0MiNcFol6NeInt8Y6AVtr9gFJstDKgXO08zR22qdme8PK9Oe_kdb7pVhR_Jgz4GaWkQ/s72-w320-c-h187/20220403_123343.jpg
DramaTalk
https://www.dramatalk.in/2022/04/Bhartiya-sanvidhan-nirman-mein-Dr.-Bhimrao-Ambedkar-ka-yogdan-per-nibandh-in-hindi.html
https://www.dramatalk.in/
https://www.dramatalk.in/
https://www.dramatalk.in/2022/04/Bhartiya-sanvidhan-nirman-mein-Dr.-Bhimrao-Ambedkar-ka-yogdan-per-nibandh-in-hindi.html
true
80465858943812849
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content