गुरु रविदास जयंती पर भाषण - Guru Ravidas Jayanti Speech in Hindi रविदास जयंती पर स्पीच इन हिंदी यदि आप रविदास जयंती पर भाषण देना चाहते हैं या देने के
Speech on Ravidas Jayanti in Hindi: आज का यह लेख रविदास जयंती पर भाषण के लिए होने वाला है. जैसा आप जानते ही हैं रविदास जयंती हर साल माघ शुक्ल पूर्णिमा को मनाई जाती है. जिसके उपलक्ष्य में हम आपके लिए रविदास जयंती पर स्पीच इन हिंदी लेकर आए हैं.
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यदि आप रविदास जयंती पर भाषण देना चाहते हैं या देने के लिए इच्छुक है तो यह लेख आपके लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होने वाला है क्योंकि आज हम रविदास जयंती पर भाषण लेकर हाजिर हुए है जिसका उपयोग कर आप रविदास जयंती पर भाषण दे सकते हैं तो चलीए आगे बढ़ते हैं और शुरू करते है.
संत गुरु रविदास जयंती पर भाषण - Guru Ravidas Jayanti Speech in Hindi
Introduction Speech: मेरे प्रिय आदर्णीय मुख्य अतिथि एवं यहाँ उपस्थित सभी छोटे बड़े गणों को सबसे पहले मेरा नमस्कार, आप सभी को रविदास जयंती की हार्दिक शुभकामनाएँ एवं बहुत बहुत बधाई हो. वैसे तो आप सब जानते ही है कि आज हम यहाँ रविदास जयंती मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं. जिसके चलते आप सभी ने मुझे रविदास जयंती पर गुरु रविदास जी के संदर्भ में अपने दो चार शब्द कहने के लिए आमंत्रित किया है. मैं आप सब का आभारी हूँ क्योंकि आपने मुझे इस मंच पर रविदास जयंती पर आमंत्रित किया है.
Main Speech: रविदास जयंती पूरे भारतवर्ष में माघ शुक्ल पूर्णिमा को मनाई जाती है. जो पूरा भारत धूमधाम और खुशियों के साथ मनाता है. यह जयंती खासकर गुरु संत रविदास को याद करने के लिए मनाई जाती है. जो हम प्रति वर्ष माघी पूर्णिमा को मनाते हैं. अगर मैं रविदास जी के बारे में कहूँ तो रविदास जी एक महान संत, कवि, आध्यात्मिक, दार्शनिक, समाज-सुधाकर और भक्ति प्रेरक गुरु थे. रविदास जी को रोहिदास, रैदास, रूहिदास आदि नामों से जाना जाता है. वो 14वीं और 15वीं शताब्दी में भक्ति आंदोलन के गुरु थे.
रविदास जी को कबीर की प्रवृत्ति के कारण उन्हें समकालीन कवि माना जाता है. क्योंकि उन्होंने बिलकुल कबीर की भाँति आम जनता को अपने दोहो और पदों के जरिए उन्हें सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया है. रविदास जी ने कार्य को नहीं बल्कि कर्म को सही से करने का जिक्र करते हुए लोगों का उद्धार किया है. रविदास जी ने भक्ती को महत्व देते हुए राजा रामचंद्र की भक्ति को अपनाया था. भक्ति के संदर्भ में रविदास जी अपने प्रभु के लिए रघुवीर, रघुवंशी, दशरतनन्दन, अयोध्या के राजा, जैसे शब्दों का प्रयोग किया करते थे. भक्ति में उनकी बहुत ही ज्यादा आस्था थी.
गुरु रविदास जी का जन्म हिंदी माह के अनुसार माघी पूर्णिमा को वाराणसी, उत्तरप्रदेश में हुआ था. उनका जन्म 14वीं शताब्दी के आसपास एक शुद्र परिवार में हुआ में हुआ. हालाँकि उनके जन्म को लेकर अलग-अलग मत रहे है. रविदास जी के पिता गांव के सरपंच थे जो जूते बनाने का काम करते थे. जिसमें वो चमडे के जूते बनाते थे. इसके बावजूद भी रविदास जी ने भक्ती, भावनाओं को नहीं छोड़ा, आज हम उनके जन्मोत्सव के रूप में उनका गुण गान करते हैं क्योंकि उन्होंने लोगों को अपनी रचनाओं, दोहो और कविताओं के माध्यम से शिक्षा देते हुए समझाया है.
रविदास जी एक गुरु ही नहीं बल्कि भगवान का रूप थे जिन्होंने सामाजिक सुधार करने के प्रयास किए, समाज सुधाकर के रूप में कार्य किए, शांति बनाए रखने के उपदेश दिए, धार्मिक सुधार कार्य किए और भेदभाव को कम करने का भी प्रयास किया है. जो कि उनके लिए कितनी आदर और सम्मान की बात है. इसलिए हम हर साल रविदास जयंती के इस मौके पर रविदास जी को सम्मान देने के लिए रविदास जयंती मनाते है. हम सब यह संकल्प ले की आज के बाद हम रविदास के उपदेशों का पालन करेंगे इसी के साथ मै अपने शब्दों पर विराम देता हूँ धन्यवाद.
गुरु रविदास जयंती पर छात्रों के लिए भाषण - Guru Ravidas Jayanti Speech for Students in Hindi
आदरणीय प्रिंसिपल सर, अध्यापक, अध्यापिकाएँ एवं मेरे प्रिय मित्रों, सबसे पहले आप सभी को रविदास जयंती की हार्दिक शुभकामनाएँ एवं बहुत बहुत बधाई. जैसा आप सब जानते ही हैं कि आज हम यहाँ इस कार्यक्रम में संत रविदास जयंती मनाने के लिए इकट्ठा हुए है. मै आपका शुक्रगुजार हूँ की आपने मुझे रविदास जयंती पर अपने कुछ शब्द बोलने का मौका दिया.
संत गुरु रविदास उन महान महापुरुषों में से एक थे जिन्होंने समाज में धार्मिक और सामाजिक बुराइयों का खात्मा किया था. उन्होंने अपने गीतों और दोहों की गुंज पूरे देश फैलाई थीं जिससे आम जनता को सही रास्ता और मार्गदर्शन मिला. जो आज भी जनता द्वारा उनके गीतों को गाया जाता है. रविदास एक महान गुरु थे. रविदास जी ने जनता को जाति या धर्म को लेकर भेदभाव न करने की सीखा दी है.
रविदास जी 14वीं शताब्दी में जन्मे एक भगवान का दूसरा रूप थे. उन्हें भगवान पर गहरी आस्था थी जिसके कारण उन्हें भगवान का सच्चा भक्त और भगवान रूपी माना जाता है. लोगों का मानना है कि गुरु रविदास जी को स्वयं परमात्मा ने ही सामाजिक और धार्मिक कार्य पूरे करने के लिए धरती पर भेजा है. उन्होंने समाज के लिए याद रखने योग्य कार्य किए है. रविदास जी 15वीं शताब्दी के बहुत ही प्रसिद्ध और महान कवि हुए थे.
लोगों जाति और धर्म के नाम पर भेदभाव करते थे लेकिन रविदास जी ने इसका ढटकर सामना किया, लोगों को इसके बारे में समझाया और इसे खत्म करने के प्रयास किए. उन्होंने यह संदेश दिया की जाति, धर्म हमारे कार्यों की रूपरेखा है जो जन्म के बाद हमारे कर्मों पर आधारित होती. ईश्वर हमारे धर्म को नहीं मानता बल्कि हमारे कर्मों को देखता है. रविदास जी ने जो भेदभाव को मिटाने का प्रयास किया वह अनमोल है.
रविदास जी बचपन से ही बड़े होशियार थे. उन्होंने समाज को बदलने के लिए कलम का सहारा लिया. उन्होंने आम जनता को दोहों, रचनाओं, कविताओं आदि के माध्यम जागृत किया और समाज में किस प्रकार रहना है उसकी सीख दी, ऐसे में हम रविदास जयंती मनाना कैसे भूल सकते है. जिसके कारण हम हर साल उन्हें याद करने के लिए रविदास जयंती मनाते हैं. इसी के साथ मै अपनी वाणी पर विराम देता हूँ.
तो यह था आज का लेख संत गुरु रविदास जयंती पर भाषण 2023 Guru Ravidas Jayanti Speech in Hindi, आपको यह जानकारी कैसी लगी हमें कमेंट करके जरूर बताएँ और हां इस जानकारी को अपने दोस्तों में साझा करना न भूलें.
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