शारदीय नवरात्रि कैसे मनाई जाती है How to celebrate Shardiya Navratri in hindi नवरात्रि कब,क्यों,कैसे, मनाई जाती है। नवरात्रि एक भारतीय हिन्दू त्योहार
How to celebrate Shardiya Navratri in hindi: हेलो दोस्तों आज हम देवी-देवताओं के पूजन का सबसे शुभ दिन नवरात्रि कब? क्यों? कैसे? मनाई जाती है। इन सभी तथ्यों को विस्तार से जानने वाले है।
यह देवताओं को खुश करने के सबसे अच्छे दिन माने जाते है। इस दिन हम जो भी कार्य करते है और प्रतिज्ञा लेते है उस में हमें लाभ की प्राप्ति होती है। यही कारण है कि इस त्योहार को देश के हर कोने में बड़े ही खुशी और उल्लास के साथ मनाया जाता है।How to celebrate Shardiya Navratri in hindi |
नवरात्रि क्या है
नवरात्रि एक भारतीय हिन्दू त्योहार है जो यहाँ के हिन्दू प्रवासियों द्वारा मनाया जाता है। इन दिनों अम्बे माता, मां दुर्गा, सरस्वती, महाकाली और देवताओं आदि की पूजा की जाती है। कहते है कि इस दिन मां दुर्गा धरती पर आयी थी और नौ दिन तक यहाँ रहकर सम्पूर्ण दुष्ट राक्षसो का विनाश किया था, जो इन्हीं तीन देवियों के अलग-अलग स्वरूप थे।
इन तीनों देवियों में से अम्बे माता को प्रमुख माना जाता है इसलिए आज भी 'शारदीय नवरात्रि' के दिन इनके नाम का गरबा खेला जाता है जो नौ दिनों तक चलता है जिसे हम 'नवरात्रि' कहते हैं। नवरात्रि को नवरात्र और नराते आदि अन्य नामों से भी जाना जाता है। यह त्योहार भी भारत के उन प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है, जो पहले से ही हमारे पूर्वज मनाते आ रहे है। हर साल इस त्योहार को बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है।
नवरात्रि का आरम्भ:
हिन्दू ग्रंथों के अनुसार नवरात्रि एक साल में चार बार आती है। इसका आरंभ चैत्र, पौष, आषाढ और अश्विन मास में नवमी तक के महीनों में किया जाता है लेकिन चैत्र नवरात्रि और अश्विन मास से शुरू होने वाली नवरात्रि को खास माना जाता है इस नवरात्रि को "शारदीय नवरात्रि" कहा जाता है। क्योंकि इसमें नौ दिनों तक लगातार इन देवियों की पूजा की जाती है जिससे इनके अनुयायियों की सम्पूर्ण मनोकामनाएं पूर्णरूप से सिद्ध होती है।
शारदीय नवरात्रि कितने दिन की होती है:
शारदीय नवरात्रि नौ दिनों तक रहती है इन नौ दिनों में किस दिन किस देवी की पूजा की जाती है।
- शुरूआत में पहले दिन अम्बे माता के साथ मां दुर्गा की पूजा की जाती है, जो संकट को दूर करती है।
- दूसरे दिन ब्रम्ह्चारिणी की पूजा।
- तीसरे दिन चंद्रघंटा स्वरुप की पूजा कर इसकी आराधना की जाती है।
- चौथे दिन व्यक्ति अपने अंदर व्याप्त समस्त बुराइयों पर जीत प्राप्त कर लेता है और खुद को आध्यात्मिक बल मिलता है।
- पाचवे दिन धन की देवी लक्ष्मी माता की पूजा की जाती है। इस पूजा से व्यक्ति को जीवन में धन की प्राप्ति होती है।
- छठे दिन सुःख शांति की समृद्धि देवी की पूजा करते है। जिसमें व्यक्ति के जीवन में सुःख शांति मिलती है।
- सातवें दिन ज्ञान की देवी माँ सरस्वती की पूजा और प्रार्थना की जाती है इससे बुद्धि, कला, ज्ञान आदि का विकास होता है।
- आठवें दिन शाम को मां दुर्गा का एक बड़ा यज्ञ करते है और इनका अंतिम दिन मानकर इनकी पूजा कर इन्हें विदा करते है।
- नौवें दिन नवमी को कलश के माध्यम से 3 से 9 की कन्याऔ की पूजा की जाती है और उन्हें मां दुर्गा का रूप माना जाता है।
शारदीय नवरात्रि क्यों मनाई जाती है
आषाढ़ में यानी कि वर्षा ऋतु आने की वजह से लोगो के कार्य रूके हुए रहते है और वर्षा के चलते उन कार्यों को स्थगित कर दिया जाता है इसलिए उन कार्यों को फिर से शुभारंभ करने के लिए खासकर यह त्योहार मनाया जाता है। जिसमें नए उत्पाद, उद्योगों, मकानों, साधनों आदि अन्य नए कार्यों को फिर से शुरू किया जाता है।
शारदीय नवरात्रि कैसे मनाई जाती है
शारदीय नवरात्रि के प्रारंभ के पहले दिन अपने जिस भी देवी-देवताओं को मानते है उसके अनुसार इनके अनुयायी इनके थानग स्थान पर इकट्ठा होते है और सही मुहूर्त देखकर अम्बे माता की 'वाढ़ी' या 'ज्वारे' डालते है। जिसमें गेहूँ के पौधे को पनपाते है। नौ दिन तक इन पौधे, देवता और अम्बे माता की पूजा करते है। इस समय हर दिन अम्बे मां का व्रत रखते और अनाज, मेवे आदि अन्य अनावश्यक ऊर्जा की चीजें नहीं खाते है। यह तरीका प्राचीन समय से ही प्रचलित है तथा वर्तमान में भी इसी तरीके का उपयोग करके अम्बा माता की वाढ़ी डालते है और इसे नवरात्रि के रूप में मनाते है।
शारदीय नवरात्रि के प्रमुख कार्यक्रम
वाढ़ी डालने के तत्पश्चात शाम को अम्बे माता का गरबा आयोजित किया जाता है, जो शाम 7 बजे से लगभग 10 बजे तक खेला जाता है। जिसमें स्त्री, पुरुष, बच्चे आदि सभी भाग लेते है और सब बड़े ही हर्ष के साथ आमने-सामने डण्डियों के माध्यम से खेलते है। उसके बाद 10 से 11 बजे के बीच में अम्बे माता की आरती और पूजा करते है और फिर समस्त गरबामंडल के सदस्य माता की आरती लेते है। ठीक इसी प्रकार यह कार्यक्रम नौ दिनों तक चलता है। नौवें अंतिम दिन सभी एक साथ इकठ्ठे होते और खड़े होकर 'वाढ़ी' को उठाते है तथा कई प्रकार कार्यक्रम करते है। बाद में इस वाढ़ी पानी में पवित्र करते है गेहूँ के पौधे को एक-एक करके सभी अपने घर ले जाते इसे गेट या दरवाजे के शामने लटका देते इसे घर में सुख शांति का प्रतीक मानते है।
शारदीय नवरात्रि का महत्व:
नवरात्रि से यह स्पष्ट होता है कि एक ही देवी के अलग-अलग स्वरूप हुए है। लेकिन हम इन्हें अलग-अलग रूपों में पूजते है। वर्तमान में अम्बे माता की पूजा की जाती है, जो शारदीय नवरात्रि में नौ दिन लगातार की होती है। लोगो की मान्यता है इस पूजन में उपवास रखने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर होते है और एक खुशहाल जीवन जीने के इच्छुक होते है। यह अवश्य ध्यान दे की नवरात्रि के समय मांस, मछली, शराब आदि किसी भी अपवित्र चीजों का उपयोग न करें इससे आपकी आराधना, भक्ति, यज्ञ विफल हो जाता है।
इस प्रकार Shardiya Navratri को हमारे देश में मोहल्ले, कस्बे, गली हर स्थान पर सभी गण एकत्रित होकर मनाते है उम्मीद करता हूँ की आपको शारदीय नवरात्रि कैसे मनाई जाती है How to celebrate Shardiya Navratri in hindi जानकारी अच्छी लगी होगी यदि आपको यह पसंद आयी होगी तो अपने दोस्तों में जरूर शेयर करें।
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