भगवान श्री विश्वकर्मा की पूजा कैसे की जाती है और विश्वकर्मा जयंती कैसे मनाते और भगवान विश्वकर्मा जयंती किस दिन मनाई जाती है
नमस्कार मेरे प्रिय मित्रों आज हम जानेगे कि भगवान श्री विश्वकर्मा की पूजा कैसे की जाती है और विश्वकर्मा जयंती कैसे मनाते और भगवान विश्वकर्मा जयंती किस दिन मनाई जाती है इन सभी पाइन्ट्स को कवर करने वाले है। तो चलीए आगे बढ़ते है।
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विश्वकर्मा जयंती स्पेशल |
भगवान विश्वकर्मा कौन थे?
भगवान विश्वकर्मा संसार के सबसे बड़े वास्तुकार थे। इनको ही संसार का पहला इंजीनियर माना जाता है। इनके जन्म दिन पर ही विश्वकर्मा जयंती मनाते है।
इन्होंने ही 33 करोड़ देवी देवताओं का भी निर्माण किया साथ इनके हथियारों और रहने के लिए घर का भी इन्तजाम किया। लंका नगरी, द्वारीका और हस्तिनापुर जैसे नगरों को भी भगवान विश्वकर्मा ने ही बनाया है।
विश्वकर्मा जयंती 2023 कब है:
सृजन का विकास और देवताओं के पिता कहे जाने वाले दुनिया के सबसे बड़े शिल्पकार भगवान विश्वकर्मा की जयंती प्रत्येक वर्ष 17 सितम्बर को कन्या संक्रांति पूजन के साथ मनाई जाती है।
कहा जाता है कि इस दिन भगवान विश्वकर्मा पैदा हुए थे। यह उनके समाज और उपासको द्वारा बताया गया बहुत ही शुभ दिन है। इस दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती है।
विश्वकर्मा जयंती कैसे मनाते है? इस साल भी सिद्ध योग के अनुसार इसी ही महीने में 17 सितंबर को शुक्रवार के दिन 10:30am से 3:30pm तक बड़े ही धूम-धाम से भगवान विश्वकर्मा जयंती मनाई जायेगी।
विश्वकर्मा जयंती पूजा कब की जाती है?
देवताओं का निर्माण करने वाले भगवान विश्वकर्मा की जयंती की पूजा हर वर्ष 17 सितंबर को की जाती है। विश्वकर्मा पूजा खासकर मशीनों, उद्योगों, फैक्टरियों, कारखानों आदि अन्य के व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए की जाती है।
इससे व्यवसाय में शुभ फल की प्राप्ति होती है और व्यापार में भी बढ़ोतरी होती है। क्योंकि शास्त्रों में भी भगवान विश्वकर्मा को संसार का पहला इंजीनियर माना जाता है। इस दिन जो भी कार्य करते है वो पूर्ण रूप से पूरा होता है।
भगवान विश्वकर्मा जयंती पूजा कैसे की जाती है:
भगवान विश्वकर्मा जयंती की पूजा का सही समय सुबह 7 बजे है। भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने के लिए सबसे पहले तो सभी पूजन सामग्री अपने साथ लेकर भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा या तस्वीर के सामने बैठ जाये और फिर अक्षत, पुष्प, दीप, धूप, रक्षा-सूत्र, मेज, गंध, दही और सुपारी आदि को निकाले।
फिर अष्टदल की नजा की बनी हुई रंगौली बनाएँ तत्पश्चात श्रृद्धा एवं विश्वास से भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा पर फुल चढाएं और फिर आपको हे भगवान विश्वकर्मा आप हमारी पूजा स्वीकार करें का उच्चारण करना। बाद में फिर सभी उपस्थित औजारो पर तिलक लगाकर एक छोटा कलश ले और उसमें एक नारियल रखे।
विश्वकर्मा जी की प्रतिमा के नीचे फुल बिचाए और कलश को उस पर रख दे। और फिर भगवान विश्वकर्मा के मंत्रों का जाप करे। तत्पश्चात कलश के पानी को घर में सभी वस्तुओं पर छाँटकर सभी को पूजन थाली से आरती दे इस प्रकार भगवान विश्वकर्मा पूजन संम्पन्न होता है।
विश्वकर्मा जयंती क्यों मनाई जाती है?
वेदों और पुराणों में भी कहा गया है कि भगवान विश्वकर्मा जयंती पूजा खास तौर पर लाभदायक कार्य को करने में की जाती है।
इस पूजा से व्यापार और धन में भी वृद्धि होती है, विश्वकर्मा शिल्पकार की एक महान हस्ती है। इस पूजन से तकनीकी क्षेत्र में ज्यादा विकास होता। इसलिए विश्वकर्मा जयंती महत्वपूर्ण रूप से मनाई जाती है।
विश्वकर्मा जयंती कैसे मनाते है? How to celebrate Vishwakarma Jayanti 2023 in hindi
इस प्रकार बड़े ही खुशी से विश्वकर्मा जयंती सभी के घरों में मनाया जाता है और भगवान विश्वकर्मा पूजन कर सभी संकटो को दूर किया जाता है।
उम्मीद करता हूँ की आपको भगवान विश्वकर्मा जयंती कैसे मनाते है? How to celebrate Vishwakarma Jayanti 2023 in hindi जानकारी पसंद आई होगी यदि जानकारी अच्छी लगे तो शेयर जरूर करना।
Disclaimer:
यह जानकारी कोई बतायी गयी नहीं और हमारा उद्देश्य किसी को गलत जानकारी देना नही है जो कुछ है वही बताना हमारा मेन उद्देश्य है।
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